बच्चों तुम्हारी सफलता पर नाज़ है तुमने भाऱतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ा दिया। बच्चों तुम्हारी सफलता पर नाज़ है तुमने भाऱतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ा दिया।
न बाँधों इनके पंखों को, अपनी संकीर्ण मानसिकता से, तुम्हारी शर्म नहीं, तुम्हारा नाज़ बनेगी ये बेटियाँ... न बाँधों इनके पंखों को, अपनी संकीर्ण मानसिकता से, तुम्हारी शर्म नहीं, तुम्हारा न...
जो अबला मन की पीरों से जनी हुई हैं, भ्रष्टाचार के तीरों के लोहे से बनी हुई हैं। जो अबला मन की पीरों से जनी हुई हैं, भ्रष्टाचार के तीरों के लोहे से बनी हुई है...
उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार। उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार।
याद आती होगी वो अधूरी कहानी याद आती होगी वो अधूरी कहानी
नयनों का संसार नयनों का संसार